नीचे लिखी पंक्तियों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखिए-
(क) घुटनों पर पड़ी है नदी चादर-सी
(ख) सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले-सा
(ग) पानी का परदा-सा मेरे आसपास था हिल रहा
(घ) मंडराता रहता था एक मरियल-सा कुत्ता आसपास
(घ) दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
(च) घास पर फुदकती नन्हीं-सी चिड़िया
इन पंक्तियों में सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से कैसे शब्दों के साथ हो रहा है?
सा/सी का प्रयोग व्याकरण की दृष्टि से दो प्रकार के शब्दों के साथ हो रहा है-
(1) किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा किसी के नाम को संज्ञा कहते हैं। इस कविता में कई नामों का इस्तेमाल किया गया है। यह सभी नाम संज्ञा शब्द हैं जैसे- चादर-सी, गल्ले-सा तथा पर्दा-सा।
(2) वाक्य में संज्ञा या फिर सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्द को विशेषण कहते हैं। इस कविता में कई ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जो विशेषता बता रहे हैं। यह शब्द
मरियल-सा, छोटा-सा तथा नन्ही-सी हैं।